सुप्रीम कोर्ट ने मत पत्र यानी बैलट पेपर से चुनाव कराने और इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी EVM और VVPAT स्लिप की सौ फीसदी क्रॉस-चेकिंग कराने से जुड़ी सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला भी दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने EVM के उपयोग के 42 साल के इतिहास में पहली बार जांच की राह खोल दी है। बता दें 1982 में पहली बार केरल में ईवीएम से आम चुनाव कराये गए थे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में चुनौती के बाद इन्हें बाद में रद्द कर दिया गया था।
- सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की बैलट पेपर से मतदान की याचिका
- EVM और VVPAT स्लिप की क्रॉस-चेकिंग से भी इंकार
- सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला भी दिया
- 42 साल के इतिहास में पहली बार खोली जांच की राह
- सभी याचिकाएं खारिज हो गईं
- EVM की जांच के आदेश से थोड़ी राहत
- ADR के वकील प्रशांत भूषण का बयान
- ‘सुप्रीम कोर्ट ने कई निर्देश दिए’
- ‘कैंडिडेट्स के लिए शिकायत और जांच की बात कही’
- इसके बाद सभी याचिकाएं कर दी गईं खारिज
- 1982 में हुआ था ईवीएम का उपयोग
- पहली बार केरल में हुई थी ईवीएम वोटिंग
- केरल में कराये गये थे ईवीएम से आम चुनाव
- तब सुप्रीम कोर्ट में कर दिया था चुनाव रद्द
- बिहार के अररिया में बोले पीएम मोदी
- ‘बैलेट पेपर लूटकर राज किया’
- ‘EVM हटाना चाहते हैं ये’
- ‘विपक्ष के सपने चूर-चूर हो गए’
सुनवाई शुक्रवार 26 अप्रैल को ऐसे समय हुई जब लोकसभा के लिए दूसरे चरण की वोटिंग हो रही थी। बेंच जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस संजीव खन्ना ने सुनवाई की थी। यह फैसला दोनों ने एकमत होकर सुनाया है। न्यायमूर्ति दत्ता ने संतुलित दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया और अंध संदेह के प्रति आगाह किया जो लोकतांत्रिक संस्थानों में विश्वास को कमजोर कर सकता है। उन्होंने लोकतंत्र की विभिन्न शाखाओं के बीच सद्भाव और विश्वास के मूलभूत सिद्धांतों को मजबूत करने के लिए रचनात्मक आलोचना की आवश्यकता पर बल दिया। न्यायमूर्ति दत्ता ने अपने विचार-विमर्श में साक्ष्यों पर अदालत की निर्भरता को रेखांकित किया।
SC ने ECI को दो निर्देश जारी किये
बहरहाल सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दो निर्देश जारी किये। सबसे पहले, इसने ईवीएम में सिंबल लोडिंग के बाद सिंबल लोडिंग यूनिट को सील करने का आदेश दिया। साथ ही इस यूनिट को कम से कम 45 दिनों तक संरक्षित रखे जाने के लिए भी निर्देश दिये। यह भी निर्देश दिये कि दूसरे और तीसरे क्रम संख्या में उम्मीदवारों के अनुरोध पर ईवीएम के माइक्रोकंट्रोलर की मेमोरी की जांच परिणाम घोषित होने के बाद इंजीनियरों की एक टीम द्वारा की जाएगी। इसके अलावा अदालत ने सिफारिश की कि चुनाव आयोग वीवीपैट पर्चियों का मिलान करने के लिए एक समर्पित मशीन को नियोजित करने की व्यवहार्यता का पता लगाए। जिससे चुनावी प्रक्रिया की दक्षता और सटीकता में वृद्धि हो सके।
SC के चुनाव आयोग को निर्देश
चुनाव आयोग को निर्देश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा सिंबल लोडिंग प्रक्रिया के पूरा होने के बाद इस यूनिट को सील किया जाए। इतना ही नहीं सील की गई यूनिट को कम से कम 45 दिन तक स्ट्रॉन्ग रूम में स्टोर किया जाए। ईवीएम से पेपर स्लिप की गिनती के सुझाव का परीक्षण करने के भी निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिये। साथ ही कहा कि यह भी देखा जाए कि क्या चुनाव निशान के अलावा हर राजनीतिक पार्टी के लिए बारकोड भी हो सकता है।
SC का फैसला विपक्ष के मुंह पर तमाचा-मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के अररिया में चुनावी सभा की। इस दौरान उन्होंने कहा सर्वोच्च न्यायालय का फैसला विपक्ष के मुंह पर एक तरह से करारा तमाचा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा विपक्ष को देश से माफी मांगनी चाहिए। विपक्ष ने बैलेट पेपर लूटकर राज किया। ये इसलिए ही EVM को हटाना चाहते हैं। लेकिन इनके सपने अब चूर-चूर हो गए हैं।
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